कितने आधुनिक हो गए हँ हम कैसी कर ली हमने अपनी सेहत और सोच..? कितने आधुनिक हो गए हँ हम कैसी कर ली हमने अपनी सेहत और सोच..?
आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं। आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं।
सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए। सुहाना समय पंख लगा उड़ उड़ जाए।
अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई। अंधेरे बंद कमरों में उतर आती हैं परछाइयां, दीवारों से रेंगती हुई।
भूख अजब है बीमारी, लगकर विवेक खा जाती है। उल्टे सीधे सारे जग के, कामो को वह करवाती भूख अजब है बीमारी, लगकर विवेक खा जाती है। उल्टे सीधे सारे जग के, कामो ...
मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं। मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं।